साथियों हम सब बाजार से कुछ ना कुछ खाने पीने की वस्तुएं निरंतर खरीदते हैं लेकिन जाने अनजाने में हमारी अज्ञानता बस कुछ चीजें ऐसी होती है जिसे (यह सोचकर की अरे कुछ नहीं होता) हम नजरअंदाज कर देते हैं यह जानते हुए भी कि वह हमारे लिए कितनी हानिकारक हो सकती है ,
क्या आप भी बाजार से कुछ खाने पीने की वस्तुएं जल्दबाजी में खरीदते हैं यदि हां तो क्या आप यह जानते हैं कि हमें कोई भी सामान खरीदने से पहले चार चीजें उस प्रोडक्ट पर देखना चाहिए
- उस प्रोडक्ट को फूड लाइसेंस संख्या उपलब्ध है अथवा नहीं
- उस प्रोडक्ट पर मैन्युफैक्चरिंग डेट उपलब्ध है अथवा नहीं
- उस प्रोडक्ट पर एक्सपायरी डेट कब की है
- उस प्रोडक्ट पर बैच नंबर उपलब्ध है अथवा नहीं
लाइसेंस नहीं पाए जाने पर पांच लाख रुपए तक जुर्माना करने का प्रावधान है। पंजीयन कराने की प्रकिया पूरी नहीं करने पर 2 लाख रुपए का अर्थदंड किया जाता है। पंजीकरण छोटे खाद्य विनिर्माताओं के लिए है जिसमें छोटे खुदरा विक्रेता, रेहड़ी-पटरी वाले, फेरी वाले अथवा अस्थायी स्टालधारी अथवा लघु अथवा कुटीर उद्योग शामिल हैं,जिनकी वार्षिक कुल बिक्री 12 लाख रुपए हो। वहीं 12 लाख से अधिक आय होने पर खाद्य सुरक्षा अधिनियत के तहत लाइसेंस लेना जरुरी है। जिन दुकानदारों के पास यह लाइसेंस नहीं हैं उन्हें कभी भी कारईवाई का सामना करना पड़ सकता है। लाइसेंसिंग और पंजीकरण की प्रक्रिया और अपेक्षाओं का विनियमन खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य कारोबार का अनुज्ञापन एवं रजिस्ट्रीकरण)विनियम, 2011 द्वारा किया जाता है।
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