दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 (CRPC, 1973)

 दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 (Code of Criminal Procedure, 1973)

दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 (Code of Criminal Procedure,1973) भारत में आपराधिक कानून के क्रियान्यवन के लिये निर्मित दण्ड प्रक्रिया है। यह सन् 1973  में पारित हुआ तथा 1 अप्रैल 1974 से लागू हुआ।  सीआरपीसी (CrPC) में कुल 37 चैप्टर हैं। जिनके तहत करीब 484 कानूनी धाराएं समाहित की गई हैं। इन्हीं पर पूरी दंड प्रक्रिया संहिता का दारोमदार रहता है। जब भी भारत की सीमा में कहीं कोई अपराध घटित होता है तब, दो प्रक्रियाएं कानूनन अमल में लाई जाती हैं। जिन्हें पुलिस अपराध की जांच करने में अपनाती है। एक प्रक्रिया होती है पीड़ित के संबंध में और दूसरी होती है आरोपी के संबंध में। सीआरपीसी में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है। दंड प्रक्रिया संहिता के द्वारा ही अपराधी को दंड दिया जाता है।  Code of Criminal Procedure (दंड प्रक्रिया संहिता में ही अदालत) (Court) और पुलिस (Police) से संबंधित कई तरह के कानूनी प्रावधान (Legal provision) किए गए हैं। इसी के अधीन किसी भी अपराध की जांच और सुनवाई के स्थान से संबंधित परिभाषा दी गई है।


आइये जानते हैं सीआरपीसी (CrPC) के 37 चैप्टर और उनकी 484 कानूनी धाराएं

1-संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ

2-परिभाषाएं

3-निर्देशों का अर्थ लगाना

4-भारतीय दंड संहिता और अन्य विधियों के अधीन अपराधों का विचार

5-व्यावृत्ति

6-दंड न्यायालयों के वर्ग

7-प्रादेशिक खंड

8-महानगर क्षेत्र

9-सेशन न्यायालय

10-सहायक सेशन न्यायाधीशों का अधीनस्थ होना

11-न्यायिक मजिस्ट्रेटों के न्यायालय

12-मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, आदि

13-विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट

14-न्यायिक मजिस्ट्रेटों की स्थानीय अधिकारिता

15-न्यायिक मजिस्ट्रेटों का अधीनस्थ होना

16-महानगर मजिस्ट्रेटों के न्यायालय

17-मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट और अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट

18-विशेष महानगर मजिस्ट्रेट

19-महानगर मजिस्ट्रेटों का अधीनस्थ होना

20-कार्यपालक मजिस्ट्रेट

21-विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट

22-कार्यपालक मजिस्ट्रेटों की स्थानीय अधिकारिता

23-कार्यपालक मजिस्ट्रेटों का अधीनस्थ होना

24-लोक अभियोजक

25-सहायक लोक अभियोजक

25a-अभियोजन निदेशालय

26-न्यायालय, जिनके द्वारा अपराध विचारणीय हैं

27-किशोरों के मामलों में अधिकारिता

28-दंडादेश, जो उच्च न्यायालय और सेशन न्यायाधीश दे सकेंगे

29-दंडादेश, जो मजिस्ट्रेट दे सकेंगे

30-जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने पर कारावास का दंडादेश

31-एक ही विचारण में कई अपराधों के लिए दोषसिद्ध होने के मामलों में दंडादेश

32-शक्तियां प्रदान करने का ढंग

33-नियुक्त अधिकारियों की शक्तियां

34-शक्तियों को वापस लेना

35-न्यायाधीशों और मजिस्ट्रेटों की शक्तियों का उनके पद-उत्तरवर्तियों द्वारा प्रयोग किया जा सकना

36-वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की शक्तियां

37-जनता कब मजिस्ट्रेट और पुलिस की सहायता करेगी

38-पुलिस अधिकारी से भिन्न ऐसे व्यक्ति को सहायता जो वारंट का निष्पादन कर रहा है

39-कुछ अपराधों की इत्तिला का जनता द्वारा दिया जाना

40-ग्राम के मामलों के संबंध में नियोजित अधिकारियों के कतिपय रिपोर्ट करने का कर्तव्य

41-पुलिस वारंट के बिना कब गिरफ्तार कर सकेगी

41a-पुलिस अधिकारी के समक्ष हाजिर होने की सूचना

41b-गिरफ्तारी की प्रक्रिया और गिरफ्तारी करने वाले अधिकारी के कर्तव्य

41c-जिले में नियंत्रण कक्ष

41d-गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का पूछताछ के दौरान अपनी पसंद के अधिवक्ता से मिलने का अधिकार

42-नाम और निवास बताने सेइनकार करने पर गिरफ्तारी

43-प्राइवेट व्यक्ति द्वारा गिरफ्तारी और ऐसी गिरफ्तारी पर प्रक्रिया

44-मजिस्ट्रेट द्वारा गिरफ्तारी

45-सशस्त्र बलों के सदस्यों का गिरफ्तारी से संरक्षण

46-गिरफ्तारी कैसे की जाएगी

47-उस स्थान की तलाशी जिसमें ऐसा व्यक्ति प्रविष्ट हुआ है जिसकी गिरफ्तारी की जानी है

48-अन्य अधिकारिताओं में अपराधियों का पीछा करना

49-अनावश्यक अवरोध न करना

50-गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को गिरफ्तारी के आधारों और जमानत के अधिकार की इत्तिला दी जाना

50a-गिरफ्तारी करने वाले व्यक्ति की, गिरफ्तारी आदि के बारे में, नामित व्यक्ति को जानकारी देने की बाध्यता

51-गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की तलाशी

52-आक्रामक आयुधों का अभिग्रहण करने की शक्ति

53-पुलिस अधिकारी की प्रार्थना पर चिकित्सा-व्यवसायी द्वारा अभियुक्त की परीक्षा

53a-बलात्संग के अपराधी व्यक्ति की चिकित्सा-व्यवसायी द्वारा परीक्षा

54-गिरफ्तार व्यक्ति की चिकित्सा अधिकारी द्वारा परीक्षा

54a-गिरफ्तार व्यक्ति की शिनाख्त

55-जब पुलिस अधिकारी वारंट के बिना गिरफ्तार करने के लिए अपने अधीनस्थ को प्रतिनियुक्त करता है तब प्रक्रिया

55a-गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का स्वास्थ्य और सुरक्षा

56-गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का मजिस्ट्रेट या पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी के समक्ष ले जाया जाना

57-गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का चौबीस घंटे से अधिक निरुद्ध न किया जाना

58-पुलिस का गिरफ्तारियों की रिपोर्ट करना

59-पकड़े गए व्यक्ति का उन्मोचन

60-निकल भागने पर पीछा करने और फिर पकड़ लेने की शक्ति

60a-गिरफ्तारी का सर्वथा संहिता के अनुसार ही किया जाना

61-समन का प्ररूप

62-समन की तामील कैसे की जाए

63-निगमित निकायों और सोसाइटियों पर समन की तामील

64-जब समन किए गए व्यक्ति न मिल सकें तब तामील

65-जब पूर्व उपबंधित प्रकार से तामील न की जा सके तब प्रक्रिया

66-सरकारी सेवक पर तामील

67-स्थानीय सीमाओं के बाहर समन की तामील

68-ऐसे मामलों में और जब तामील करने वाला अधिकारी उपस्थित न हो तब तामील का सबूत

69-साक्षी पर डाक द्वारा समन की तामील

70-गिरफ्तारी के बारंट का प्ररूप और अवधि

71-प्रतिभूति लिए जाने का निदेश देने की शक्ति

72-वारंट किसको निदिष्ट होंगे

73-वारंट किसी भी व्यक्ति को निदिष्ट हो सकेंगे

74- पुलिस अधिकारी को निदिष्ट वारंट

75-वारंट के सार की सूचना

76-गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का न्यायालय के समक्ष अविलम्ब लाया जाना

77-वारंट कहां निष्पादित किया जा सकता है

78-अधिकारिता के बाहर निष्पादन के लिए भेजा गया वारंट

79-अधिकारिता के बाहर निष्पादन के लिए पुलिस अधिकारी को निदिष्ट वारंट

80-जिस व्यक्ति के विरुद्ध वारंट जारी किया गया है, उसके गिरफ्तार होने पर प्रक्रिया

81-उस मजिस्ट्रेट द्वारा प्रक्रिया जिसके समक्ष ऐसे गिरफ्तार किया गया व्यक्ति लाया जाए

82-फरार व्यक्ति के लिए उद्घोषणा

83-फरार व्यक्ति की संपत्ति की कुर्की

84-कुर्की के बारे में दावे और आपत्तियां

85-कुर्क की हुई संपत्ति को निर्मुक्त करना, विक्रय और वापस करना

86-कुर्क संपत्ति की वापसी के लिए आवेदन नामंजूर करने वाले आदेश से अपील

87-समन के स्थान पर या उसके अतिरिक्त वारंट का जारी किया जाना

88-हाजिरी के लिए बंधपत्र लेने की शक्ति

89- हाजिरी का बंधपत्र भंग करने पर गिरफ्तारी

90-इस अध्याय के उपबंधों का साधारणतया समनों और गिरफ्तारी के वारंटों को लागू होना

91-दस्तावेज या अन्य चीज पेश करने के लिए समन

92-पत्रों और तारों के संबंध में प्रक्रिया

93-तलाशी-वारंट कब जारी किया जा सकता है

94-उस स्थान की तलाशी, जिसमें चुराई हुई संपत्ति, कूटरचित दस्तावेज आदि होने का संदेह है

95-कुछ प्रकाशनों के समपहृत होने की घोषणा करने और उनके लिए तलाशी-वारंट जारी करने की शक्ति

96-समपहरण की घोषणा को अपास्त करने के लिए उच्च न्यायालय में आवेदन

97-सदोष परिरुद्ध व्यक्तियों के लिए तलाशी

98-अपहृत स्त्रियों को वापस करने के लिए विवश करने की शक्ति

99-तलाशी-वारंटों का निदेशन आदि

100-बंद स्थान के भारसाधक व्यक्ति तलाशी लेने देंगे

101-अधिकारिता के परे तलाशी में पाई गई चीजों का व्ययन

102-कुछ संपत्ति को अभिगृहीत करने की पुलिस अधिकारी की शक्ति

103-मजिस्ट्रेट अपनी उपस्थिति में तलाशी ली जाने का निदेश दे सकता है

104-पेश की गई दस्तावेज आदि, को परिबद्ध करने की शक्ति

105-आदेशिकाओं के बारे में व्यतिकारी व्यवस्था

105a-परिभाषाएं

105b-व्यक्तियों का अंतरण सुनिश्चित करने में सहायता

105c-संपत्ति की कुर्की या समपहरण के आदेशों के संबंध में सहायता

105d-विधिविरुद्धतया अर्जित संपत्ति की पहचान करना

105e-सम्पत्ति का अभिग्रहण या कुर्की

105f-इस अध्याय के अधीन अभिग्रहीत या समपहृत संपत्ति का प्रबंध

105g-संपत्ति के समपहरण की सूचना

105h-कतिपय मामलों में संपत्ति का समपहरण

105i-समपहरण के बदले जुर्माना

105j-कुछ अंतरणों का अकृत और शून्य होना

105k-अनुरोध पत्र की बाबत प्रक्रिया

105l-इस अध्याय का लागू होना

106-दोषसिद्धि पर परिशांति कायम रखने के लिए प्रतिभूति

107-अन्य दशाओं में परिशांति कायम रखने के लिए प्रतिभूति

108-राजद्रोहात्मक बातों को फैलाने वाले व्यक्तियों से सदाचार के लिए प्रतिभूति

109-संदिग्ध व्यक्तियों से सदाचार के लिए प्रतिभूति

110-आभ्यासिक अपराधियों से सदाचार के लिए प्रतिभूति

111-आदेश का दिया जाना

112- न्यायालय में उपस्थित व्यक्ति के बारे में प्रक्रिया

113-ऐसे व्यक्ति के बारे में समन या वारंट जो उपस्थित नहीं है

114-समन या वारंट के साथ आदेश की प्रति होगी

115-वैयक्तिक हाजिरी से अभिमुक्ति देने की शक्ति

116-इत्तिला की सच्चाई के बारे में जांच

117-प्रतिभूति देने का आदेश

118-उस व्यक्ति का उन्मोचन जिसके विरुद्ध इत्तिला दी गई है

119-जिस अवधि के लिए प्रतिभूति अपेक्षित की गई है उसका प्रारंभ

120-बंधपत्र की अंतर्वस्तुं

121-प्रतिभुओं को अस्वीकार करने की शक्ति

122-प्रतिभूति देने में व्यतिक्रम होने पर कारावास

123-प्रतिभूति देने में असफलता के कारण कारावासित व्यक्तियों को छोड़ने की शक्ति

124-बंधपत्र की शेष अवधि के लिए प्रतिभूति

125-पत्नी, संतान और माता-पिता के भरणपोषण के लिए आदेश

126-प्रक्रिया

127-भत्ते में परिवर्तन

128-भरणपोषण के आदेश का प्रवर्तन

129-सिविल बल के प्रयोग द्वारा जमाव को तितर-बितर करना

130-जमाव को तितर-बितर करने के लिए सशस्त्र बल का प्रयोग

131-जमाव को तितर-बितर करने की सशस्त्र बल के कुछ अधिकारियों की शक्ति

132-पूर्ववर्ती धाराओं के अधीन किए गए कार्यों के लिए अभियोजन से संरक्षण

133- न्यूसेन्स हटाने के लिए सशर्त आदेश

134-आदेश की तामील या अधिसूचना

135-जिस व्यक्ति को आदेश संबोधित है बह उसका पालन करेगा या कारण दर्शित करेगा

136-उसके ऐसा करने में असफल रहने का परिणाम

137-जहां लोक अधिकार के अस्तित्व से इनकार किया जाता है वहां प्रक्रिया

138-जहां वह कारण दर्शित करने के लिए हाजिर है वहां प्रक्रिया

139-स्थानीय अन्वेषण के लिए निदेश देने और विशेषज्ञ की परीक्षा करने की मजिस्ट्रेट की शक्ति

140-मजिस्ट्रेट की लिखित अनुदेश आदि देने की शक्ति

141-आदेश अंतिम कर दिए जाने पर प्रक्रिया और उसकी अवज्ञा के परिणाम

142-जांच के लंबित रहने तक व्यादेश

143-मजिस्ट्रेट लोक नयूसेंस की पुनरावृत्ति या उसे चालू रखने का प्रतिषेध कर सकता है

144-न्यूसेंस या आशंकित खतरे के अर्जेंट मामलों में आदेश जारी करने की शक्ति

145-जहां भूमि या जल से संबद्ध विवादों से परिशांति भंग होना संभाव्य है वहां प्रक्रिया

146-विवाद की विषयवस्तु की कुर्क करने की और रिसीवर नियुक्त करने की शक्ति

147-भूमि या जल के उपयोग के अधिकार से संबद्ध विवाद

148-स्थानीय जांच

149-पुलिस का संज्ञेय अपराधों का निवारण करना

150-संज्ञेय अपराधों के किए जाने की परिकल्पना की इत्तिला

151-संज्ञेय अपराधों का किया जाना रोकने के लिए गिरफ्तारी

152-लोक संपत्ति की हानि का निवारण

153-बाटों और मापों का निरीक्षण

154-संज्ञेय मामलों में इत्तिला

155-असंज्ञेय मामलों के बारे में इत्तिला और ऐसे मामलों का अन्वेषण

156-संज्ञेय मामलों का अन्वेषण करने की पुलिस अधिकारी की शक्ति

157-अन्वेषण के लिए प्रक्रिया

158-रिपोर्ट कैसे दी जाएंगी

159-अन्वेषण या प्रारंभिक जांच करने की शक्ति

160-साक्षियों की हाजिरी की अपेक्षा करने की पुलिस अधिकारी की शक्ति

161-पुलिस द्वारा साक्षियों की परीक्षा

162-पुलिस से किए गए कथनों का हस्ताक्षरित न किया जाना ; कथनों का साक्ष्य में उपयोग

163-कोई उत्प्रेरणा न दिया जाना

164-संस्वीकृतियों और कथनों को अभिलिखित करना

164a-बलात्संग के पीड़ित व्यक्ति की चिकित्सीय परीक्षा

165-पुलिस अधिकारी द्वारा तलाशी

166-पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी कब किसी अन्य अधिकारी से तलाशी-वारंट जारी करने की अपेक्षा कर सकता है

166a-भारत के बाहर किसी देश या स्थान में अन्वेषण के लिए सक्षम प्राधिकारी को अनुरोध-पत्र

166b-भारत के बाहर के किसी देश या स्थान से भारत में अन्वेषण के लिए किसी न्यायालय या प्राधिकारी को अनुरोध-पत्र

167-जब चौबीस घंटे के अंदर अन्वेषण पूरा न किया जा सके तब प्रक्रिया

168-अधनीस्थ पुलिस अधिकारी द्वारा अन्वेषण की रिपोर्ट

169-जब साध्य अपर्याप्त हो तब अभियुक्त का छोड़ा जाना

170-जब साक्ष्य पर्याप्त है तब मामलों का मजिस्ट्रेट के पास भेज दिया जाना

171-परिवादी और साक्षियों से पुलिस अधिकारी के साथ जाने की अपेक्षा न किया जाना और उनका अबरुद्ध न किया जाना

172-अन्वेषण में कार्यवाहियों की डायरी

173-अन्वेषण के समाप्त हो जाने पर पुलिस अधिकारी की रिपोर्ट

174-आत्महत्या, आदि पर पुलिस का जांच करना और रिपोर्ट देना

175-व्यक्तियों को समन करने की शक्ति

176-मृत्यु के कारण की मजिस्ट्रेट द्वारा जांच

177-जांच और विचारण का मामूली स्थान

178-जांच या विचारण का स्थान

179-अपराध वहां विचारणीय होगा जहां कार्य किया गया या जहां परिणाम निकला

180-जहां कार्य अन्य अपराध से संबंधित होने के कारण अपराध है वहां विचारण का स्थान

181-कुछ अपराधों की दशा में विचारण का स्थान

182-पत्रों, आदि द्वारा किए गए अपराध

183-यात्रा या जलयात्रा में किया गया अपराध

184-एक साथ विचारणीय अपराधों के लिए विचारण का स्थान

185-विभिन्न सेशन खंडों में मामलों के विचारण का आदेश देने की शक्ति

186-संदेह की दशा में उच्च न्यायालय का बह जिला विनिश्चित करना जिसमें जांच या विचारण होगा

187-स्थानीय अधिकारिता के परे किए गए अपराध के लिए समन या वारंट जारी करने की शक्ति

188-भारत से बाहर किया गया अपराध

189-भारत के बाहर किए गए अपराधों के बारे में साक्ष्य लेना

190-मजिस्ट्रेटों द्वारा अपराधों का संज्ञान

191-अभियुक्त के आवेदन पर अंतरण

192-मामले मजिस्ट्रेटों के हवाले करना

193-अपराधों का सेशन न्यायालयों द्वारा संज्ञान

194-अपर और सहायक सेशन न्यायाधीशों को हवाले किए गए मामलों पर उनके द्वारा विचारण

195-लोक न्याय के विरुद्ध अपराधों के लिए और साक्ष्य में दिए गए दस्तावेजों से संबंधित अपराधों के लिए लोक सेवकों के विधिपूर्ण प्राधिकार के अवमान के लिए अभियोजन

195a-धमकी देने आदि की दशा में साक्षियों के लिए प्रक्रिया

196-राज्य के विरुद्ध अपराधों के लिए और ऐसे अपराध करने के लिए आपराधिक षडयंत्र के लिए अभियोजना

197-न्यायाधीशों और लोक सेवकों का अभियोजन

198-विवाह के विरुद्ध अपराधों के लिए अभियोजन

198a-भारतीय दंड संहिता की धारा 498क के अधीन अपराधों का अभियोजन

199-मानहानि के लिए अभियोजन

200-परिवादी की परीक्षा

201-ऐसे मजिस्ट्रेट द्वारा प्रक्रिया जो मामले का संज्ञान करने के लिए सक्षम नहीं है

202-आदेशिका के जारी किए जाने को मुल्तवी करना

203-परिवाद का खारिज किया जाना

204-आदेशिका का जारी किया जाना

205-मजिस्ट्रेट का अभियुक्त को वैयक्तिक हाजिरी से अभिमुक्ति दे सकना

206-छोटे अपराधों के मामले में विशेष समन

207-अभियुक्त को पुलिस रिपोर्ट या अन्य दस्तावेजों की प्रतिलिपि देना

208-सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय अन्य मामलों में अभियुक्त को कथनों और दस्तावेजों की प्रतिलिपियां देना

209-जब अपराध अनन्यत: सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय है तब मामला उसे सुपुर्द करना

210-परिवाद वाले मामले में अनुसरण की जाने वाली प्रक्रिया और उसी अपराध के बारे में पुलिस अन्वेषण

211-आरोप की अंतर्वस्तु

212-समय, स्थान और व्यक्ति के बारे में विशिष्टियां

213-कब अपराध किए जाने की रीति कथित की जानी चाहिए

214-आरोप के शब्दों का वह अर्थ लिया जाएगा जो उनका उस विधि में है जिसके अधीन वह अपराध दंडनीय है

215-गलतियों का प्रभाव

216-न्यायालय आरोप परिवर्तित कर सकता है

217-जब आरोप परिवर्तित किया जाता है तब साक्षियों का पुन: बुलाया जाना

218-सुभिन्न अपराधों के लिए पृथक् आरोप

219-एक ही वर्ष में किए गए एक ही किस्म के तीन अपराधों का आरोप एक साथ लगाया जा सकेगा

220-एक से अधिक अपराधों के लिए विचारण

221-जहां इस बारे में संदेह है कि कौन-सा अपराध किया गया है

222-जब वह अपराध, जो साबित हुआ है, आरोपित अपराध के अंतर्गत है

223-किन व्यक्तियों पर संयुक्त रूप से आरोप लगाया जा सकेगा

224-कई आरोपों में से एक के लिए दोषसिद्धि पर शेष आरोपों को वापस लेना

225-विचारण का संचालन लोक अभियोजक द्वारा किया जाना

226-अभियोजन के मामले के कथन का आरंभ

227- उन्मोचन

228-आरोप विरचित करना

229-दोषी होने के अभिवचन

230-अभियोजन साक्ष्य के लिए तारीख

231-अभियोजन के लिए साक्ष्य

232-दोषमुक्ति

233-प्रतिरक्षा आरंभ करना

234-बहस

235-दोषमुक्ति या दोषसिद्धि का निर्णय

236- पूर्व दोषसिद्धि

237-धारा 199(2) के अधीन संस्थित मामलों में प्रक्रिया

238-धारा 207 का अनुपालन

239-अभियुक्त को कब उन्मोचित किया जाएगा

240-आरोप विरचित करना

241-दोषी होने के अभिवाक् पर दोषसिद्धि

242-अभियोजन के लिए साक्ष्य

243-प्रतिरक्षा का साक्ष्य

244-अभियोजन का साक्ष्य

245-अभियुक्त को कब उन्मोचित किया जाएगा

246-प्रक्रिया, जहां अभियुक्त उन्मोचित नहीं किया जाता

247-प्रतिरक्षा का साक्ष्य

248-दोषमुक्ति या दोषसिद्धि

249-परिवादी की अनुपस्थिति

250-उचित कारण के बिना अभियोग के लिए प्रतिकर

251-अभियोग का सारांश बताया जाना

252-दोषी होने के अभिवाक् पर दोषसिद्धि

253-छोटे मामलों में अभियुक्त की अनुपस्थिति में दोषी होने के अभिवाक् पर दोषसिद्धि

254-प्रक्रिया जब दोषसिद्ध न किया जाए

255-दोषमुक्ति या दोषसिद्धि

256-परिवादी का हाजिर न होना या उसकी मृत्यु

257-परिवाद को वापस लेना

258-कुछ मामलों में कार्यवाही रोक देने की शक्ति

259-समन-मामलों को वारण्ट-मामलों में संपरिवर्तित करने की न्यायालय की शक्ति

260-संक्षिप्त विचारण करने की शक्ति

261-द्वितीय वर्ग के मजिस्ट्रेटों द्वारा संक्षिप्त विचारण

262-संक्षिप्त विचारण की प्रक्रिया

263-संक्षिप्त विचारण की प्रक्रिया

264-संक्षेपत: विचारित मामलों में निर्णय

265-अभिलेख और निर्णय की भाषा

265a-अध्याय का लागू होना

265b-सौदा अभिवाक् के लिए आवेदन

265c-पारस्परिक संतोषप्रद निपटारे के लिए मार्गदर्शी सिद्धांत

265d-पारस्परिक संतोषप्रद निपटारे की रिपोर्ट का न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाना

265e-मामले का निपटारा

265f-न्यायालय का निर्णय

265g-निर्णय का अंतिम होना

265h-सौदा अभिवाक् में न्यायालय की शक्ति

265i-अभियुक्त द्वारा भोगी गई निरोध की अवधि का कारावास के दंडादेश के विरुद्ध मुजरा किया जाना

265j-व्यावृत्ति

265k-अभियुक्त के कथनों का उपयोग न किया जाना

265l-अध्याय का लागू न होना

266-परिभाषाएं

267-बन्दियों को हाजिर कराने की अपेक्षा करने की शक्ति

268-धारा 267 के प्रवर्तन से कतिपय व्यक्तियों को अपवर्जित करने की राज्य सरकार की शक्ति

269-कारागार के भारसाधक अधिकारी का कतिपय आकस्मिकताओं में आदेश को कार्यान्वित न करना

270-बन्दी का न्यायालय में अभिरक्षा में लाया जाना

271-कारागार में साक्षी की परीक्षा के लिए कमीशन जारी करने की शक्ति

272-न्यायालयों की भाषा

273-साक्ष्य का अभियुक्त की उपस्थिति में लिया जाना

274- समन-मामलों और जांचों में अभिलेख

275- वारण्ट-मामलों में अभिलेख

276-सेशन न्यायालय के समक्ष विचारण में अभिलेख

277-साक्ष्य के अभिलेख की भाषा

278-जब ऐसा साक्ष्य पूरा हो जाता है तब उसके संबंध में प्रक्रिया

279-अभियुक्त या उसके प्लीडर को साक्ष्य का भाषान्तर सुनाया जाना

280-साक्षी की भावभंगी के बारे में टिप्पणियां

281-अभियुक्त की परीक्षा का अभिलेख

282-दुभाषिया ठीक-ठीक भाषान्तर करने के लिए आबद्ध होगा

283-उच्च न्यायालय में अभिलेख

284-कब साक्षियों को हाजिर होने से अभिमुक्ति दी जाए और कमीशन जारी किया जाएगा

285-कमीशन किसको जारी किया जाएगा

286-कमीशनों का निष्पादन

287-पक्षकार साक्षियों की परीक्षा कर सकेंगे

288-कमीशन का लौटाया जाना

289-कार्यवाही का स्थगन

290-विदेशी कमीशनों का निष्पादन

291-चिकित्सीय साक्षी का अभिसाक्ष्य

291A-मजिस्ट्रेट की शिनाख्त रिपोर्ट

292-टकसाल के अधिकारियों का साक्ष्य

293-कतिपय सरकारी वैज्ञानिक विशेषज्ञों की रिपोर्ट

294-कुछ दस्तावेजों का औपचारिक सबूत आवश्यक न होना

295-लोक सेवकों के आचरण के सबूत के बारे में शपथपत्र

296-शपथपत्र पर औपचारिक साक्ष्य

297- प्राधिकारी जिनके समक्ष शपथपत्रों पर शपथ ग्रहण किया जा सकेगा

298-पूर्व दोषसिद्धि या दोषमुक्ति कैसे साबित की जाए

299-अभियुक्त की अनुपस्थिति में साक्ष्य का अभिलेख

300- एक बार दोषसिद्ध या दोषमुक्त किए गए व्यक्ति का उसी अपराध के लिए विचारण न किया जाना

301-लोक अभियोजकों द्वारा हाजिरी

302-अभियोजन का संचालन करने की अनुज्ञा

303-जिस व्यक्ति के विरुद्ध कार्यवाही संस्थित की गई है उसका प्रतिरक्षा कराने का अधिकार

304-कुछ मामलों में अभियुक्त को राज्य के व्यय पर विधिक सहायता

305-प्रक्रिया, जब निगम या रजिस्ट्रीकृत सोसाइटी अभियुक्त है

306-सह-अपराधी को क्षमा-दान

307-क्षमा-दान का निदेश देने की शक्ति

308-क्षमा की शर्तों का पालन न करने वाले व्यक्ति का विचारण

309-कार्यवाही को मुल्तवी या स्थगित करने की शक्ति

310-स्थानीय निरीक्षण

311-आवश्यक साक्षी को समन करने या उपस्थित व्यक्ति की परीक्षा करने की शक्ति

311a-नमूना हस्ताक्षर या हस्तलेख देने के लिए किसी व्यक्ति को आदेश देने की मजिस्ट्रेट की शक्ति

312-परिवादियों और साक्षियों के व्यय

313-अभियुक्त की परीक्षा करने की शक्ति

314-मौखिक बहस और बहस का ज्ञापन

315-अभियुक्त व्यक्ति का सक्षम साक्षी होना

316-प्रकटन उप्रेरित करने के लिए किसी असर का काम में न लाया जाना

317-कुछ मामलों में अभियुक्त की अनुपस्थिति में जांच और विचारण किए जाने के लिए उपबंध

318-प्रक्रियां जहां अभियुक्त कार्यवाही नहीं समझता है

319-अपराध के दोषी प्रतीत होने वाले अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की शक्ति

320-अपराधों का शमन

321-अभियोजन वापस लेना

322-जिन मामलों का निपटारा मजिस्ट्रेट नहीं कर सकता, उनमें प्रक्रिया

323-प्रक्रिया जब जांच या विचारण के प्रारंभ के पश्चात् मजिस्ट्रेट को पता चलता है कि मामला सुपुर्द किया जाना चाहिए

324-सिक्के, स्टाम्प विधि या सम्पत्ति के विरुद्ध अपराधों के लिए तत्पूर्व दोषसिद्ध व्यक्तियों का विचारण

325-प्रक्रिया जब मजिस्ट्रेट पर्याप्त कठोर दंड का आदेश नहीं दे सकता

326-भागत: एक न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट द्वारा और भागत: दूसरे न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट द्वारा अभिलिखित साक्ष्य पर दोषसिद्धि या सुपुर्दी

327-न्यायालयों का खुला होना

328-अभियुक्त के पागल होने की दशा में प्रक्रिया

329-न्यायालय के समक्ष विचारित व्यक्ति के विकृतचित्त होने की दशा में प्रक्रिया

330-अन्वेषण या विचारण के लंबित रहने तक विकृतचित्त व्यक्ति का छोड़ा जाना

331-जांच या विचारण को पुन: चालू करना

332- मजिस्ट्रेट या न्यायालय के समक्ष अभियुक्त के हाजिर होने पर प्रक्रिया

333-जब यह प्रतीत हो कि अभियुक्त स्वस्थचित्त रहा है

334-चित्त-विकृति के आधार पर दोष-मुक्ति का निर्णय

335-ऐसे आधार पर दोषमुक्त किए गए व्यक्ति का सुरक्षित अभिरक्षा में निरुद्ध किया जाना

336-भारसाधक अधिकारी को कत्यों का निर्वहन करने के लिए सशक्त करने की राज्य सरकार की शक्ति

337-जहां यह रिपोर्ट की जाती है कि पागल बंदी अपनी प्रतिरक्षा करने में समर्थ है वहां प्रक्रिया

338-जहां निरुद्ध पागल छोड़े जाने के योग्य घोषित कर दिया जाता है वहां प्रक्रिया

339-नातेदार या मित्र की देख-रेख के लिए पागल का सौंपा जाना

340-धारा 195 में वर्णित मामलों में प्रक्रिया

341-अपील

342-खर्चे का आदेश देने की शक्ति

343-जहां मजिस्ट्रेट संज्ञान करे वहां प्रक्रिया

344-मिथ्या साक्ष्य देने पर विचारण के लिए संक्षिप्त प्रक्रिया

345-अवमान के कुछ मामलों में प्रक्रिया

346-जहां न्यायालय का विचार है कि मामले में धारा 345 के अधीन कार्यवाही नहीं की जानी चाहिए वहां प्रक्रिया

347-रजिस्ट्रार या उप-रजिस्ट्रार कब सिविल न्यायालय समझा जाएगा

348- माफी मांगने पर अपराधी का उन्मोचन

349-उत्तर देने या दस्तावेज पेश करने से इनकार करने वाले व्यक्ति को कारावास या उसकी सुपुर्दगी

350-समन के पालन में साक्षी के हाजिर न होने पर उसे दंडित करने के लिए संक्षिप्त प्रक्रिया

351-धारा 344,345, 349 और 350 के अधीन दोषसिद्धियों से अपीलें

352-कुछ न्यायाधीशों और मजिस्ट्रेटों के समक्ष किए गए अपराधों का उनके द्वारा विचारण न किया जाना

353-निर्णय

354-निर्णय की भाषा और अन्तर्वस्तु

355-महानगर मजिस्ट्रेट का निर्णय

356-पूर्वतन सिद्धदोष अपराधी को अपने पते की सूचना देने का आदेश

357-प्रतिकर देने का आदेश

357A-पीड़ित प्रतिकर स्कीम

358-निराधार गिरफ्तार करवाए गए व्यक्तियों को प्रतिकर

359-असंज्ञेय मामलों में खर्चा देने के लिए आदेश

360-सदाचरण की परिवीक्षा पर या भर्त्सना के पश्चात् छोड़ देने का आदेश

361-कुछ मामलों में विशेष कारणों का अभिलिखित किया जाना

362-न्यायालय का अपने निर्णय में परिवर्तन न करना

363-अभियक्त और अन्य व्यक्तियों को निर्णय की प्रति का दिया जाना

364-निर्णय का अनुवाद कब किया जाएगा

365-सेशन न्यायालय द्वारा निष्कर्ष और दंडादेश की प्रति जिला मजिस्ट्रेट को भेजना

366-सेशन न्यायालय द्वारा मृत्यु दंडादेश का पुष्टि के लिए प्रस्तुत किया जाना

367-अतिरिक्त जांच किए जाने के लिए या अतिरिक्त साक्ष्य लिए जाने के लिए निदेश देने की शक्ति

368-दंडादेश को पुष्ट करने या दोषसिद्धि को बातिल करने की उच्च न्यायालय की शक्ति

369-नए दंडादेश की पुष्टि का दो न्यायाधीशों द्वारा हस्ताक्षरित किया जाना

370-मतभेद की दशा में प्रक्रिया

371-उच्च न्यायालय की पुष्टि के लिए प्रस्तुत मामलों में प्रक्रिया

372-जब तक अन्यथा उपबंधित न हो किसी अपील का न होना

373-परिशान्ति कायम रखने या सदाचार के लिए प्रतिभूति अपेक्षित करने वाले या प्रतिभूति स्वीकार करने से इनकार करने वाले या अस्वीकार करने वाले आदेश से अपील

374-दोषसिद्धि से अपील

375-कुछ मामलों में जब अभियुक्त दोषी होने का अभिवचन करे, अपील न होना

376-छोटे मामलों में अपील न होना

377-राज्य सरकार द्वारा दंडादेश के विरुद्ध अपील

378-दोषमुक्ति की दशा में अपील

379-कुछ मामलों में उच्च न्यायालय द्वारा दोषसिद्ध किए जाने के विरुद्ध अपील

380-कुछ मामलों में अपील करने का विशेष अधिकार

381-सेशन न्यायालय में की गई अपीलें कैसे सुनी जाएंगी

382-अपील की अर्जी

383-जब अपीलार्थी जेल में है तब प्रक्रिया

384-अपील का संक्षेपत: खारिज किया जाना

385-संक्षेपत: खारिज न की गई अपीलों की सुनवाई के लिए प्रक्रिया

386-अपील न्यायालय की शक्तियां

387-अधीनस्थ अपील न्यायालय के निर्णय

388-अपील में उच्च न्यायालय के आदेश का प्रमाणित करके निचले न्यायालय को भेजा जाना

389-अपील लंबित रहने तक दंडादेश का निलम्बन ; अपीलार्थी का जमानत पर छोड़ा जाना

390-दोषमुक्ति से अपील में अभियुक्त की गिरफ्तारी

391-अपील न्यायालय अतिरिक्त साक्ष्य ले सकेगा या उसके लिए जाने का निदेश दे सकेगा

392-जहां अपील न्यायालय के न्यायाधीश राय के बारे में समान रूप में विभाजित हों, वहां प्रक्रिया

393-अपील पर आदेशों और निर्णयों का अंतिम होना

394-अपीलों का उपशमन

395-उच्च न्यायालय को निर्देश

396- उच्च न्यायालय के विनिश्चय के अनुसार मामले का निपटारा

397-पुनरीक्षण की शक्तियों का प्रयोग करने के लिए अभिलेख मंगाना

398-जांच करने का आदेश देने की शक्ति

399-सेशन न्यायाधीश की पुनरीक्षण की शक्तियां

400-अपर सेशन न्यायाधीश की शक्ति

401-उच्च न्यायालय की पुनरीक्षण की शक्तियां

402-उच्च न्यायालय की पुनरीक्षण के मामलों को वापस लेने या अन्तरित करने की शक्ति

403-पक्षकारों को सुनने का न्यायालय का विकल्प

404-महानगर मजिस्ट्रेट के विनिश्चय के आधारों के कथन पर उच्च न्यायालय द्वारा विचार किया जाना

405-उच्च न्यायालय के आदेश का प्रमाणित करके निचले न्यायालय को भेजा जाना

406-मामलों और अपीलों को अन्तरित करने की उच्चतम न्यायालय की शक्ति

407-मामलों और अपीलों को अन्तरित करने की उच्च न्यायालय की शक्ति

408-मामलों और अपीलों को अन्तरित करने की सेशन न्यायाधीश की शक्ति

409-सेशन न्यायाधीशों द्वारा मामलों और अपीलों का वापस लिया जाना

410-न्यायिक मजिस्ट्रेटों द्वारा मामलों का वापस लिया जाना

411-कार्यपालक मजिस्ट्रेटों द्वारा मामलों का अपने अधीनस्थ मजिस्ट्रेट के हवाले किया जाना या वापस लिया जाना

412-कारणों का अभिलिखित किया जाना

413-धारा 368 के अधीन दिए गए आदेश का निष्पादन

414-उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए मृत्यु दंडादेश का निष्पादन

415-उच्चतम न्यायालय की अपील की दशा में मृत्यु दंडादेश के निष्पादन का मुल्तवी किया जाना

416-गर्भवती स्त्री को मृत्यु दंड का मुल्तवी किया जाना

417-कारावास का स्थान नियत करने की शक्ति

418-कारावास के दंडादेश का निष्पादन

419-निष्पादन के लिए वारण्ट का निदेशन

420-वारण्ट किसको सौंपा जाएगा

421-जुर्माना उद्गृहीत करने के लिए बारण्ट

422-ऐसे वारण्ट का प्रभाव

423-जुर्माने के उग्रहण के लिए किसी ऐसे राज्यक्षेत्र के न्यायालय द्वारा जिस पर इस संहिता का विस्तार नहीं है, जारी किया गया वारण्ट

424-कारावास के दंडादेश के निष्पादन का निलंबन

425-वारण्ट कौन जारी कर सकेगा

426-निकल भागे सिद्धदोष पर दंडादेश कब प्रभावशील होगा

427-ऐसे अपराधी की दंडादेश जो अन्य अपराध के लिए पहले से दंडादिष्ट है

428-अभियुक्त द्वारा भोगी गई विरोध की अवधि का कारावास के दंडादेश के विरुद्ध मुजरा किया जाना

429-व्यावृत्ति

430-दंडादेश के निष्पादन पर वारण्ट का लौटाया जाना

431-जिस धन का संदाय करने का आदेश दिया गया है उसका जुर्माने के रूप में वसूल किया जा सकना

432-दंडादेशों का निलम्बन या परिहार करने की शक्ति

433-दंडादेश के लघुकरण की शक्ति

433A-कुछ मामलों में छूट या लघुकरण की शक्तियों पर निर्बन्धन

434-मृत्यु दंडादेशों की दशा में केन्द्रीय सरकार की समवर्ती शक्ति

435-कुछ मामलों में राज्य सरकार का केन्द्रीय सरकार से परामर्श करने के पश्चात कार्य करना

436-किन मामलों में जमानत ली जाएगी

436A-अधिकतम अवधि, जिसके लिए विचाराधीन कैदी निरुद्ध किया जा सकता है

437-अजमानतीय अपराध की दशा में कब जमानत ली जा सकेगी

437A-अभियुक्त को अगले अपील न्यायालय के समक्ष उपसंजात होने की अपेक्षा के लिए जमानत

438-गिरफ्तारी की आशंका करने वाले व्यक्ति की जमानत मंजूर करने के लिए निदेश

439-जमानत के बारे में उच्च न्यायालय या सेशन न्यायालय की विशेष शक्तियां

440-बंधपत्र की रकम और उसे घटाना

441-अभियुक्त और प्रतिभुओं का बंधपत्र

441A-प्रतिभुओं द्वारा घोषणा

442-अभिरक्षा से उन्मोचन

443-जब पहले ली गई जमानत अपर्याप्त है तब पर्याप्त जमानत के लिए आदेश देने की शक्ति

444-प्रतिभुओं का उन्मोचन

445-मुचलके के बजाय निक्षेप

446-प्रक्रिया, जब बंधपत्र समपहृत कर लिया जाता है

446A-बंधपत्र और जमानत पत्र का रद्दकरण

447-प्रतिभू के दिवालिया हो जाने या उसकी मृत्यु हो जाने या बंधपत्र का समपहरण हो जाने की दशा में प्रक्रिया

448-अवयस्क से अपेक्षित बंधपत्र

449-धारा 446 के अधीन आदेशों से अपील

450-कुछ मुचलकों पर देय रकम का उग्रहण करने का निदेश देने की शक्ति

451-कुछ मामलों में विचारण लंबित रहने तक सम्पत्ति की अभिरक्षा और व्ययन के लिए आदेश

452-विचारण की समाप्ति पर सम्पत्ति के व्ययन के लिए आदेश

453-अभियुक्त के पास मिले धन का निर्दोष क्रेता को संदाय

454-धारा 452 या 453 के अधीन आदेशों के विरुद्ध अपील

455-अपमानलेखीय और अन्य सामग्री का नष्ट किया जाना

456-स्थावर सम्पत्ति का कब्जा लौटाने की शक्ति

457-सम्पत्ति के अभिग्रहण पर पुलिस द्वारा प्रक्रिया

458-जहां छह मास के अन्दर कोई दावेदार हाजिर न हो वहां प्रक्रिया

459-विनश्वर सम्पत्ति को बेचने की शक्ति

460-वे अनियमितताएं जो कार्यवाही को दूषित नहीं करतीं

461-वे अनियमितताएं जो कार्यवाही को दूषित करती हैं

462-गलत स्थान में कार्यवाही

463-धारा 164 या धारा 281 के उपबंधों का अननुपालन

464-आरोप विरचित न करने या उसके अभाव या उसमें गलती का प्रभाव

465-निष्कर्ष या दंडादेश कब गलती, लोप या अनियमितता के कारण उलटने योग्य होगा

466-त्रुटि या गलती के कारण कुर्की का अवैध न होना

467-परिभाषा

468-परिसीमा-काल की समाप्ति के पश्चात् संज्ञान का वर्जन

469-परिसीमा-काल का प्रारंभ

470-कुछ दशाओं में समय का अपवर्जन

471-जिस तारीख को न्यायालय बंद हो उस तारीख का अपवर्जन

472-चालू रहने वाला अपराध

473-कुछ दशाओं में परिसीमा-काल का विस्तारण

474-उच्च न्यायालयों के समक्ष विचारण

475-सेना न्यायालय द्वारा विचारणीय व्यक्तियों का कमान आफिसरों को सौंपा जाना

476-प्ररूप

477-उच्च न्यायालय की नियम बनाने की शक्ति

478-कुछ दशाओं में कार्यपालक मजिस्ट्रेटों को सौंपे गए कृत्यों को परिवर्तित करने की शक्ति

479-वह मामला जिसमें न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट वैयक्तिक रूप से हितबद्ध है

480-विधि-व्यवसाय करने वाले प्लीडर का कुछ न्यायालयों में मजिस्ट्रेट के तौर पर न बैठना

481-विक्रय से संबद्ध लोक सेवक का सम्पत्ति का क्रय न करना और उसके लिए बोली न लगाना

482-उच्च न्यायालय की अन्तर्निहित शक्तियों की व्यावृत्ति

483-न्यायिक मजिस्ट्रेटों के न्यायालयों पर अधीक्षण का निरंतर प्रयोग करने का उच्च न्यायालय का कर्तव्य


484-
निरसन और व्यावृत्तियां

दंड प्रक्रिया संहिता अधिनियम पढ़ें:-

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