जिनकी उम्र 60 साल या उससे अधिक हैं वो सीनियर सिटीजन एक्ट के दायरे में आते हैं, यानी जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
हमारे बुजुर्गों के अधिकारों के लिए कानून भी बनाए गए हैं. ऐसा ही एक कानून है- सीनियर सिटीजन एक्ट 2007 बनाया गया है, जो बुजुर्गों के अधिकारों की रक्षा करता है और उन्हें पावरफुल बनाता है- तो आइए जानते हैं कुछ जरूरी आपके अधिकार-
आमतौर पर बुजुर्ग अपनी सम्पत्ति और प्रॉपर्टी बच्चों के नाम ट्रांसफर कर देते हैं और उम्मीद करते हैं कि वो उनकी देखभाल करेंगे. बच्चे उन्हें बुनियादी सुविधाएं देंगे और उनकी जरूरतें पूरी करेंगे. अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो सीनियर सिटीजन एक्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है. बुजुर्गों के साथ ऐसे मामलों को रोकने और उनके भरण-पोषण के लिए 2007 में सीनियर सिटीजन एक्ट यानी (वरिष्ठ नागरिक अधिनियम) को लागू किया गया था.इस एक्ट के जरिए उन्हें आर्थिक रूप से मजबूती, मेडिकल सिक्योरिटी, जरूरी खर्च और प्रोटेक्शन देने के लिए कानून लाया गया.
इसका इस्तेमाल आप कब कर सकते हैं-
यदि आप 60 साल या इससे अधिक उम्र वाले बुजुर्ग हैं या 60 वर्ष के होने वाले हैं तो इस कानून के दायरे में आते है. इनमें जन्म देने वाले माता-पिता, गोद लेने वाले पेरेंट्स और सौतेल मां-बाप भी शामिल है. ऐसे माता-पिता या बुजुर्ग जो अपनी सम्पत्ति से या आय से अपना खर्च नहीं वहन कर पा रहे हैं तो इस सीनियर सिटीजन एक्ट के जरिए बच्चों पर मेंटेनेंस का दावा कर सकते हैं. बुजुर्ग इसके जरिये एक से अधिक बच्चों पर भी मेंटेनेंस के लिए दावा कर सकते हैं. इनमें बेटा-बेटी और पोता-पोती भी शामिल हैं. लेकिन आप किसी नाबालिग पर दावा नहीं कर सकते.
सवाल 1- सीनियर सिटीजन कौन होते हैं?
जवाब- जिन लोगों की उम्र 60 साल या उससे ज्यादा है, वे सीनियर सिटीजन की कैटेगरी में आते हैं।
सवाल 2- सीनियर सिटीजन एक्ट क्या है?
जवाब- बुजुर्गों को फाइनेंशियल सिक्योरिटी, मेडिकल सिक्योरिटी, मेंटेनेंस (जिंदगी जीने के लिए खर्च) और प्रोटेक्शन देने के लिए सीनियर सिटीजन एक्ट, 2007 लागू किया गया है।
सवाल 3- इस एक्ट के तहत मेंटेनेंस (जिंदगी जीने के लिए खर्च) पाने का अधिकार किसे है?
जवाब- ऐसे माता-पिता, दादा-दादी और बुजुर्ग, जो अपनी आय यानी इनकम और संपत्ति से अपना खर्चा नहीं चला पा रहे हैं। वे इस एक्ट के तहत मेंटेनेंस का दावा कर सकते हैं। माता-पिता में ये लोग आते हैं- बायोलॉजिकल पेरेंट्स यानी जिन्होंने जन्म दिया है, गोद लेने वाले माता-पिता और सौतेले मां-बाप।
सवाल 4- माता-पिता और दादा-दादी इस एक्ट के तहत किसके खिलाफ मेंटेनेंस का दावा कर सकते हैं?
जवाब- माता-पिता और दादा-दादी अपने एक या एक से ज्यादा बच्चों पर मेंटेनेंस का दावा कर सकते हैं। बच्चों में ये लोग शामिल होंगे- बेटा, बेटी, पोता और पोती। इनमें से कोई भी नाबालिग नहीं होना चाहिए।
सवाल 5- जिन बुजुर्गों के बच्चे नहीं हैं, वे भी मेंटेनेंस का दावा कर सकते हैं?
जवाब- जी हां, कर सकते हैं। ऐसे बुजुर्ग उन रिश्तेदार या लोगों पर मेंटेनेंस का दावा कर सकते हैं, जो उनकी संपत्ति का इस्तेमाल कर रहे हैं या संपत्ति के वारिस हैं। या फिर जिन लोगों को बुजुर्गों ने अपनी संपत्ति दान कर दी है या गिफ्ट के तौर पर दे दी है। यह दावा करने के लिए वो स्वतंत्र हैं. बुजुर्ग जहां रह रहे हैं या जहां पहले रह रहे थे या फिर जहां पर बच्चे-रिश्तेदार रहते हैं, तीनों जगह पर अपनी सुविधा के मुताबिक दावा कर सकते हैं.
सवाल 6- सीनियर सिटीजन एक्ट के तहत मेंटनेंस का दावा किस जिले में किया जा सकता है?
जवाब- जहां बुजुर्ग वर्तमान समय में रह रहे हों।
जहां पहले रह चुके हों। बच्चे-रिश्तेदार या जिन पर दावा करना है, वे जहां रहते हैं।
सवाल 7- कौन से अधिकारी के सामने मेंटेनेंस के लिए शिकायत की जाती है?
जवाब- ऐसे मामलों के लिए राज्य में एक स्पेशल Tribunal होता है। जिसकी अध्यक्षता SDO यानी सब डिविजनल ऑफिसर की रैंक का अधिकारी करता है। इसी अधिकारी के पास शिकायत दर्ज करवाई जाती है।
सवाल 8- बुजुर्ग मेंटेनेंस का दावा कहाँ और कैसे कर सकते हैं?
जवाब- ऐसे मामलों की शिकायत के लिए हर राज्य में स्पेशल ट्रिब्यूनल का गठन किया गया है. इसकी अध्यक्षता सब-डिविजनल अधिकारी यानी SDO की रैंक का ऑफिसर करता है. SDO को लिखित में आवेदन देकर ऐसे मामलों की शिकायत की जा सकती है. इसके लिए आपको पता करना होगा कि आपके जिले में SDO कहां बैठते हैं। उनके ऑफिस जाएं। SDO के पास अपनी लिखित शिकायत लेकर ही जाएं, जिनसे मेंटेनेंस लेना है, उनका नाम, एड्रेस और सारी डिटेल शिकायत में लिखित होनी चाहिए। शिकायत सुनने के बाद SDO बच्चों या रिश्तेदारों को एक नोटिस भेजकर बुलाएगा। सुनवाई और गवाही होगी। इसके बाद बच्चों या रिश्तेदारों को मेंटेनेंस का आदेश दिया जा सकता है।
सवाल 9- बुजुर्गों को मेंटेनेंस के तौर पर ज्यादा से ज्यादा कितने पैसे मिल सकते हैं?
जवाब- Tribunal ये तय कर सकती है कि बुजुर्गों को कितना पैसा मेंटेनेंस के तौर पर उनके बच्चे या रिश्तेदार देंगे। आमतौर पर अधिकतम दस हजार तक देने का प्रावधान है।
सवाल 10- उपरोक्त प्रश्न टैक्स व वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट से संबंधित है जिसका जबाब हम अगले लेख में प्रस्तुत करेंगे।
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सवाल 11- आपको दी गयी जानकारी कैसी लगी?